Bank Rules : प्रॉपर्टी नीलामी को लेकर बैंक देती है आपको यह सभी अधिकार, जानिए अपने अधिकार की पूरी जानकारी

Bank Rules :  वर्तमान में प्रॉपर्टी और गाड़ी खरीदना सब का सपना होता है परंतु सबके पास हाथों हाथ प्रॉपर्टी और गाड़ी लेने के पैसे नहीं होते हैं , इस दौरान लोग बैंक से लोन लेने का विकल्प चुनते हैं । आमतौर पर अगर देखा जाए तो प्रॉपर्टी और गाड़ी में  अधिक मूल्य की आवश्यकता होती है और इस प्रकार बैंक से लोन भी अधिक अमाउंट का चाहिए होता है इस दौरान लोन के लिए बैंकों को गारंटी के तौर पर कोई संपत्ति गिरवी रखनी पड़ती है ।

अगर दूसरी तरफ देखा जाए तो अगर लोन लेने वाला व्यक्ति अपनी लोन की रकम को चुका नहीं पाता है तो बैंक गारंटी के तौर पर रखी गई गिरवी संपत्ति को नीलम करके अपनी रकम वसूलता है । परंतु यह बात जानना काफी आवश्यक है कि नीलामी की नौबत एकदम से नहीं प्रकट होती है , लोन लेने वाले व्यक्ति को कई बार इसके लिए रिमाइंड कर दिया जाता है , अगर लोन लेने वाला व्यक्ति गिरवी रखी गई संपत्ति को छुड़ाने में असमर्थ होता है तो ही नीलामी की नौबत आती है ।

 

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जानिए आखिर नीलामी की नौबत पर बॉरोअर के पास किस प्रकार के अधिकार होते हैं :-

1) कई बार भेजा जाता है रिमाइंडर (Reminder) :

अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक से लोन लेता है और पूरे 2 महीने तक लोन की ईएमआई को नहीं देता है तो उसके पास लोन की ईएमआई के लिए रिमाइंडर भेजा जाता है।

पहले रिमाइंडर के बावजूद  लोन की ईएमआई को पूरा नहीं किया जाता है तो कोर्ट के तरफ से सरकारी नोटिस भेजी जाती है । इसके बावजूद अगर लोन लेने वाला व्यक्ति किसी प्रकार की हरकत नहीं दिखाता है तो उसे डिफॉल्‍टर घोषित कर दिया जाता है और उसकी संपत्ति को एनपीए ऐलान कर दिया जाता है ।

 

2) एनपीए के ऐलान के बावजूद रहता है मौका

हम आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि एनपीए घोषित होने के बाद आप की संपत्ति को नीलाम घोषित कर दिया जाता है , ऐसे में आपको बता दें कि एनपीए भी तीन कैटेगरी होती है : –

 

  • सबस्टैंडर्ड असेट्स : कोई भी लोन अकाउंट 1 वर्ष तक सबस्टैंडर्ड असेट्स श्रेणी के अंतर्गत आता है ।
  • डाउटफुल असेट्स : इसके कुछ समय बाद डाउटफुल असेट्स की श्रेणी मैं सम्मिलित होता है ।
  • लॉस असेट्स : लोन वसूली की उम्मीद ना रहने पर उसे लॉस्ट असेट्स घोषित की श्रेणी दे दी जाती है ।

NOTE : लॉस असेट्स होने पर ही प्रॉपर्टी की नीलामी की जाती है और इसके बाद नीलामी की जानकारी को पब्लिक के लिए शेयर किया जाता है।

 

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3) नीलामी के दौरान दिए जाते हैं कुछ अधिकार

प्रॉपर्टी की नीलामी से पहले आपने जिस वित्तीय संस्था से लोन लिया है वह आपके प्रॉपर्टी का उचित मूल्य के साथ नीलामी की तारीख और समय का नोटिस जारी करती है , इस समय अगर बॉरोअर को प्रॉपर्टी की कीमत कम लगती है तो वह नीलामी के लिए चैलेंज कर सकता है ।

इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि अगर आप नीलामी की नौबत को नहीं रोक पाते हैं तो आपको नीलामी की सभी स्थितियों की जानकारी रखनी चाहिए , क्योंकि वित्तीय संस्था के पास लोन की रकम वसूलने के बावजूद बची अतिरिक्त रकम को पाने का आपको पूरा अधिकार होता है ।

अंत में हमारा कहना यही होगा कि अगर आप किसी भी प्रकार से बैंक से लोन लेते हैं तो अपने लोन को चुकाने की जिम्मेवारी अवश्य उठाएं क्योंकि आपके द्वारा रखी गई आपकी गिरवी संपत्ति आपके लिए काफी अधिक मूल्यवान है इसलिए इसका सम्मान करें ।

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