इस तरीके से Income Tax बचाने वालो हो जाओ सतर्क, भरना पढ़ सकता है 200% का जुर्माना..

Income Tax : आमतौर पर टैक्स पे करना एक अच्छे और जिम्मेदार नागरिक की पहचान होती हैं, पर कई बार टैक्स से बचने के लिए लोग फर्जी कामों का सहारा भी लेते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसे फर्जी लोगों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर हमेशा होती है।

जैसे ही वित्त वर्ष खत्म होता है कंपनी और विभाग अपने अपने कर्मचारियों को रीइम्बर्समेंट क्लेम करने के लिए अलर्ट करने लगती है और रीइम्बर्समेंट से जुड़े हुए बिल की मांग भी करती है, पर कई कर्मचारी ऐसे होते हैं जो  रीइम्बर्समेंट क्लेम करने थे प्रोसेस में फर्जी बिल बनवाने लगते हैं, इस तरह के बिल बनवाने से कम टैक्स भरना पड़ता है इस कारण कर्मचारी लालच करने लगते हैं।

अगर आप या आपके आसपास कोई इस तरह के फर्जी बिल का सहारा लेकर रीइम्बर्समेंट क्लेम कर रहा है तो फिर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस मामले में  कड़ी कार्यवाही कर सकती है।

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रीइम्बर्समेंट क्लेम क्या होता है ?

बड़े-बड़े विभागों और कंपनियों में कर्मचारियों को महीने की सैलरी के अलावा भी कई अन्य सुविधाएं दी जाती हैं, जिन्हे अलाउंस और रीइम्बर्समेंट कहते हैं।  कंपनी की ओर से मिलने वाले ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA), लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) ,मेडिकल बिल्स और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) इत्यादि रीइम्बर्समेंट और अलाउंस पूरी तरह से टैक्स फ्री होते हैं, यहां तक कि अगर कर्मचारी के पास 15 हज़ार रुपए का मेडिकल बिल हैं तो इनकम टैक्स विभाग उसे बिल पर छूट देती है।

 

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फर्जी बिल बनवाने पर खतरा :- 

 आपको बता दें कि 3 तरीकों से इनकम टैक्स विभाग आपके फर्जी बिल का पता तुरंत लगा सकती हैं

  • अगर कोई अन्य आपके खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में शिकायत करदे, और फर्जी बिल से जुड़े हुए सबूत पेश कर दे तो आप इनकम टैक्स की कड़ी कार्यवाही से नहीं बच पाएंगे।
  • जब कर्मचारी से टीडीएस और बिल संबंधी अन्य डॉक्यूमेंट जमा करने को कहे जाते हैं,तो वहां पकड़े जाने का खतरा होता है क्योंकि टीडीएस और बिल में अंतर होने पर आपके लिए खतरा हो सकता है।
  • अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर्मचारी द्वारा दिए गए ITR फॉर्म को स्क्रूटनी के लिए भेज दे तो कर्मचारी के पकड़े जाने का खतरा होता है।

 

फर्जी बिल पर तय है जुर्माना :- 

अगर किसी कर्मचारी का फर्जी बिल पकड़ा जाता है तो धारा 234A, 234B and 234C के तहत उस पर 50% से लेकर 200% तक का जुर्माना तय किया गया है। 270A के अनुसार इनकम टैक्स विभाग से जानकारी छिपाने के मामले को लेकर 200% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

हालांकि कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमेंरी इम्बर्समेंट क्लेम तो पूरी तरह से सही होता है लेकिन यह नगद/ कैश होने के कारण इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कोई से प्रूफ करना काफी मुश्किल हो जाता है इसलिए कर्मचारियों को हर तरह के बिल को अपने पास संभाल कर रखना चाहिए, ताकि रीइम्बर्समेंट क्लेम करते हुए बिल को लेकर कोई समस्या ना हो।

 

नज़र रखता हैं इनकम टैक्स विभाग :-

आपको बता दें कि जब कभी किसी भी अकाउंट से बड़ा लेनदेन किया जाता है तो उसकी खबर बैंक और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दोनों को हो जाती है, इनकम टैक्स विभाग अकाउंट पर विशेष नजर रखती है जो साल में 10 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन करते हैं। पैन कार्ड की लिमिट को देखते हुए ज्यादा ट्रांजैक्शन पर इनकम टैक्स विभाग नजर बनाए रहता है।

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