RBI का स्पेशल अभियान शुरू, सभी बैंक में पड़ा Unclaimed 35000 करोड़ डिपॉजिट जमाकर्ताओं की ढूंढ ढूंढ कर लौटाएगी उनका पैसा

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक में जमा लावारिस रकम (Unclaimed Deposits) का निपटारा करने के लिए (100 Days 100 Pays) कैंपेन की शुरुआत करने की घोषणा की है और इस कैंपेन के तहत बैंक 100 दिनों के अंदर लोगों को ढूंढ ढूंढ कर उनकी जमा राशि देगी ।.

 

Unclaimed Deposits को लेकर RBI ने दी जानकारी:- 

भारतीय रिजर्व बैंक ने  बताया कि बैंक में बिना डिपॉजिट के पड़े लावारिस रकम को उनके जमाकर्ताओं तक पहुंचने के लिए 100 दिनों का स्पेशल कैंपेन की शुरुआत की जाएगी जिसके अंतर्गत 100 दिनों में जमाकर्ताओं को खोज कर उनके पैसे उन्हें लौटाए जाएंगे ।

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10 वर्षों से चल रही है यह मुहिम:-

मुख्य रूप से आपको बता दे कि केंद्र बैंक यानी कि आरबीआई ने 10 वर्षों से अनक्लेम्ड डिपॉजिट को उनके असली जमा कर्ताओं तक पहुंचाने के लिए मुहिम चलाई है और इस वर्ष भी 100 दिनों के लिए यह मुहिम चलेगी जिसके अंतर्गत आरबीआई उनके असली जमाकर्ताओं को खोज कर उन्हें उनके पैसे लौटाए जाएंगे।

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पूरे 35 हजार करोड़ रुपए पर किसी का मालिकाना हक नहीं?

आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने करीब 35 हजार करोड़ केंद्र बैंक यानी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ट्रांसफर की है , यह राशि उन खातों में शामिल थे जिन्होंने 10 साल में किसी प्रकार का लेन-देन नहीं किया । आरबीआई ने इससे जुड़ी हुई जानकारी दी कि 2 से 3 महीनों में इससे संबंधित एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल तैयार किया जाएगा , और इस पोर्टल की मदद से जमा करता और लाभार्थी अलग-अलग बैंकों में पड़ी अपनी जमा राशि के बारे में जानकारी ले पाएंगे ।

1 जून से शुरू हो रहा है 100 Days 100 Pays Campaign ?

जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि आरबीआई के द्वारा 1 जून से 100 Days 100 Pays Campaign की शुरुआत की जा रही है जिसमें बैंक में जमा लावारिस रकमा को उनके असली मालिक तक पहुंचाने का पूरक प्रयास किया जाएगा । आरबीआई ने यह भी बताया कि बिना मालिकाना हक वाली राशि कुल 10.24 करोड़ खाते से जुड़ी हुई है ‌।

(Unclaimed Deposits) क्या है?

जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि यह राशि उन लोगों की है जो अपने बचत खाते को बंद करने में विफल रहे हैं , अन्यथा अपनी मैच्योर एफडी को बंद करने में बैंक से संपर्क करने में विफल रहे , केवल इतना ही नहीं मृतक लोग नॉमिनी और उत्तराधिकारी के अगर यह पैसे लेने में विफल हो गए हैं , इस तरह के लोगों के पैसे बैंक में सही सलामत रहते हैं परंतु कई समय के पश्चात बैंक इसे लोगों को ढूंढकर पहुंचाने का प्रयास करता है ।

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