Infosys Deal: इंफोसिस ने सितंबर 2023 में 15 साल के लिए एक समझौते पर हस्ताछर किया था, जिसे ‘मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग’ (MoU) कहा जाता है। इस समझौते के चलते, भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस को यह काम था कि वह इस विश्वस्तर कंपनी को अपने प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से डिजिटल अनुभव और ए.आई. सॉल्यूशन्स प्रदान की जाये।
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस को साल 2023 का अंत में बहुत ही बड़ा झटका लगा है। पिछले सितंबर में, कंपनी ने एक बड़े स्तर के सौदे में हिस्सा लेने वाले ग्लोबल फर्म के साथ की गई डील का नकारात्मक हो जाना कंपनी के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है। इस सौदे की वैल्यू लगभग 1.5 अरब डॉलर या 12500 करोड़ रुपये थी। इस सौदे को लेकर इंफोसिस ने शनिवार को इसके रद्द होने की जानकारी ऑफिशियली annouce कर दिया है।
सितंबर के अंत में हुआ महत्वपूर्ण सौदा :-
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इंफोसिस (Infosys) ने 23 दिसंबर को खुलासा किया कि उनकी एक वैश्विक कंपनी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) समाधानों पर केंद्रित 1.5 अरब डॉलर की सौदा को तोड़ने का निर्णय लिया गया है। इस सौदे को लेकर इंफोसिस ने कंपनी के साथ किए गए एमओयू (MoU) को खत्म करने का ऑप्शन चुना है। यह डील 15 साल के लिए हुई थी और इसका आखिरी निर्णय बीते हुए सितंबर 2023 में हुआ था।
इन सेवाओं के लिए हुई थी डील :-
इंफोसिस ने इस सौदे को लेकर सितंबर 2023 में 15 साल के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के चलते, भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस को यह काम था कि वह अपने प्लेटफ़ॉर्म के जरिये से इस विश्वस्तरीय कंपनी को डिजिटल अनुभव और ए.आई. सॉल्यूशन्स प्रदान करें। इस सौदे के साथ, बीते सितंबर महीने इंफोसिस के लिए कॉन्ट्रैक्ट मूल्य के हिसाब से ठीक बीते हैं, मगर सिर्फ़ तीन महीने के भीतर ही यह डील टूट गई जिससे कंपनी को बड़ा नुक्सान हो गया।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में क्या बताया?
Infosys ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के माध्यम से जारी किया है कि वह Infosys के साथ किए गए एमओयू को ख़त्म करने का निर्णय कर लिया है, और अब इसके चलते पार्टियां मास्टर समझौते का पालन नहीं करेंगी। इस तीन महीने की अवधि में Infosys को दो झटके लग चुके है। इससे पहले कंपनी के पूर्व सीएफओ नीलांजन रॉय के अचानक इस्तीफा के बाद कंपनी को एक बड़ा झटका लगा था। हालांकि, उनका यह इस्तीफा 31 मार्च 2024 से मान्य होगा।
बेहतरीन रहे तिमाही के नतीजे :-
1981 में एन आर नारायाण मूर्ति ने अपने आईटी कंपनी इंफोसिस की नींव रखी थी। और हाल ही में जारी किए गए Infosys Q2 नतीजों के अनुसार, कंपनी ने 6,212 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। जुलाई-सितंबर तिमाही में, कंपनी ने सालाना आधार पर 3% की ग्रोथ की है।
पिछले साल में भी समान तिमाही में मुनाफा 6,026 करोड़ रुपये था। इंफोसिस के शेयर बीते शुक्रवार को 1.60% की उछाल के साथ 1,560.60 रुपये पर क्लोज हुए। फ़िलहाल कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन 6.46 लाख करोड़ रुपये है।