उत्तर प्रदेश में माल एवं सेवा की चोरी करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कड़ी जांच शुरू कर दी गई है , रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि उत्तर प्रदेश में इस बार फर्जी कारोबारियों के खिलाफ नए नियमों के अनुसार जांच की जाएगी ।
जांच के लिए शुरू हो रहा है विशेष अभियान :-
उत्तर प्रदेश में माल एवं सेवा की चोरी करने वाले फर्जी कारोबारी की संपूर्ण रूप से कड़ी जांच करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 16 मई को अभियान जारी किया जा रहा है । इस अभियान के तहत GST अधिकारी संदिग्ध जीएसटी खाते की पहचान करने के लिए एक दुकान पर जाकर जानकारी लेंगे ।
इसके अंतर्गत सभी दुकानदार के फर्जी बिलों की जांच करने के लिए एड्रेस की जांच की जाएगी ताकि उसे जीएसटी नेटवर्क (GSTN) के बाहर किया जा सके । साथ ही साथ अगर कारोबारियों के जांच के दौरान जीएसटी फॉर्म उनके पंजीकरण पते पर नहीं मिलते हैं तो उन्हें ₹50000 का जुर्माना देना होगा ।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 16 मई को चलाई जाने वाले इस अभियान में कारोबारियों की जांच जीएसटी टीम पूरी गोपनीय तरीके से करेगी ताकि कारोबारियों की सभी प्रकार से की जाने वाली चोरी का आसानी से पता लगाया जा सके ।
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जांच के समय व्यापारियों के पास बिल डाटा होना अनिवार्य :-
जैसे कि हमने आपको बताया कि उत्तर प्रदेश में 16 मई से सभी कारोबारियों के विजिट प्लेस पर जाकर उनकी जांच की जाएगी इस दौरान राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर विमल कुमार का कहना है कि जीएसटी विभाग की ओर से पंजीकृत कारोबारियों के विजिट प्लेस पर गोपनीय तरीके से जांच करने के लिए 16 मई से इस अभियान को शुरू किया जा रहा है, और यह अभियान पूरे 2 महीने तक चलेगा ।
जांच के वक्त इन बातों का रखना होगा अधिक ध्यान:-
जीएसटी विभाग ने 16 मई से जारी हुए अभियान में कारोबारियों की जांच करने के लिए कुछ अनिवार्य गाइडलाइन भी जारी की है,जो निम्न है :-
- व्यापारियों को अपनी फैक्ट्री या फिर दुकान के बाहर बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा ।
- साथ ही साथ गाइडलाइन के मुताबिक व्यापारियों के दुकान या फिर फैक्ट्री के बाहर लगाए गए बोर्ड पर जीएसटी नंबर, एड्रेस एवं फर्म का नाम निश्चित रूप से लिखा होना चाहिए ।
- जांच के वक्त व्यापारी के पास जीएसटी सर्टिफिकेट (GST certificate) होना अनिवार्य है ।
- जांच के वक्त व्यापारियों के पास खरीद बिक्री का बिल होना अनिवार्य है ।
वसूला जाएगा पूरे ₹50000 जुर्माना :-
जीएसटी विभाग की ओर से या जानकारी दी गई है कि कारोबारियों के प्लेस पर विजिट के समय जीएसटी पंजीकरण के वक्त जो एड्रेस दिया गया है अगर विजिट के समय उस एड्रेस का सत्यापन नहीं होता है तो कारोबारियों को पूरे ₹50000 का जुर्माना देना होगा ।
जांच को लेकर बाजारों में मची है हाहाकार :-
अभियान के तहत कारोबारियों की जांच को लेकर गोरखपुर के बाजारों में काफी हाहाकार मची हुई है , इसके साथ ही साथ एक व्यापारी संगठन के उच्च अधिकारी का कहना है कि फर्जी कारोबारियों से जुड़ी हुई सभी जानकारी के लिए जांच होनी चाहिए परंतु अनजाने में हुई चूक पर पारी से जुर्माना नहीं लेना चाहिए इस बात का सरकार को ख्याल रखना होगा, सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कई बार यह होता है कि दुकानदार बुरे लोगों से डील करके पीड़ित हो जाता है और केस में कारोबारी को आरोपी नहीं मानना चाहिए ।