जमीन रजिस्ट्री में सरकारी कर्मचारियों के द्वारा हेराफेरी करके सरकारी राजस्व को चूना लगाने वालों पर बिहार में विभागीय सख्ती काफी तेजी हो गई है । जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि बिहार में प्रमंडल स्तर पर तैनात सहायक महानिरीक्षक को 31 मार्च से शुरू ने वित्तीय वर्ष में राजस्व को लेकर हेराफेरी करने वाले सभी मामलों का निपटारा करने का आदेश जारी किया है ।
मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से बताया गया कि जिन प्रमंडल के एआइजी दो जगह तैनात है उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करके इस मामले को निपटाना होगा , साथ ही साथ राजस्व चोरी करने वाले लोगों पर जुर्माने के साथ साथ पैसे 31 मार्च से पहले जमा करने होंगे।
सख्ती से की जाएगी राजस्व वसूली
मुख्य रूप से आप सभी को बता दें कि तिरहुत प्रमंडल के जिलों में रजिस्ट्री के बाद दस्तावेजों में की जाने वाली जांच पर अधिक हेराफेरी और राजस्व चोरी का मामला सामने आ रहा है , इसमें सबसे अधिक मुजफ्फरपुर एवं मोतिहारी के मामले देखने को मिल रहे हैं , साथ ही साथ सीतामढ़ी और वैशाली में भी राजस्व चोरी के कई मामले देखने को मिले ,
इसके बाद सरकार ने अधिक सख्ती बरतते हुए 10% जुर्माने के साथ एआइजी के द्वारा चोरी किए गए राजस्व की वसूली के आदेश जारी हुए हैं । ऐसा बताया जा रहा है कि बिहार सरकार अब जमीन रजिस्ट्री को लेकर राजस्व वसूली का बड़ा लक्ष्य लेकर चल रही है इस तहत ग्राउंड लेवल पर इसका असर देखने को मिलेगा ।
जमीन एमवीआर में देखने को मिलेगा बड़ा बदलाव
राज्य सरकार की ओर से जमीन एमवीआर मैं अधिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं , इससे अगर देखा जाए तो इसका सीधा असर जमीन की खरीदी बिक्री पर पड़ेगा , हालांकि इसके लिए सरकार की तरफ से किसी प्रकार की अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है , अन्यथा सरकार की ओर से जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह से ऑनलाइन की जाने की कोशिश की जा रही है ।
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