भारत के रेलवे नेटवर्क को मजबूती देने की दिशा में केंद्र सरकार का बड़ा कदम, नए रेल कॉरिडोर से 85 लाख से अधिक लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी
देश के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई गति देने के लिए केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। यूनियन कैबिनेट ने चार प्रमुख रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिनकी कुल लागत 24,634 करोड़ रुपये है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से कहा कि इन परियोजनाओं से भारत के सात मुख्य रेलवे कॉरिडोरों की क्षमता और कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार होगा।
🛤️ परियोजनाओं की मुख्य बातें
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देश के 7 प्रमुख रेलवे कॉरिडोर कुल रेल यातायात का 41% हिस्सा वहन करते हैं।
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अब इन कॉरिडोरों को फोर लेन और जहां संभव हो सिक्स लेन तक विस्तार देने की योजना।
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इससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और रेल संचालन की गति में वृद्धि होगी।
📍 मंजूर की गई 4 बड़ी रेलवे परियोजनाएं
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वर्धा–भुसावल (महाराष्ट्र)
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314 किमी लंबी लाइन
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तीन और चार लेन को मंजूरी
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गोंदिया–डोंगरगढ़ (महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़)
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84 किमी की नई फोर लाइन परियोजना
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वडोदरा–तलाम (गुजरात–मध्य प्रदेश)
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259 किमी की तीन और चार लेन लाइन
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इटारसी–भोपाल–बीनाल (मध्य प्रदेश)
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237 किमी की फोर लाइन परियोजना
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🌍 4 राज्यों के 18 जिलों को होगा सीधा लाभ
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महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिले कवर होंगे।
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लगभग 894 किमी नए रेलवे नेटवर्क का विस्तार।
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3,633 गांवों और 85.84 लाख जनसंख्या को मिलेगा फायदा।
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विदिशा और राजनांदगांव जिलों की कनेक्टिविटी में सुधार।
🏭 रेलवे उत्पादन में भारत बना अग्रणी देश
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया —
“भारत अब हर साल 1,600 इंजन और 7,000 कोच बना रहा है — जो यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और जापान के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है।”
💡 निष्कर्ष:
इन परियोजनाओं से न केवल रेलवे नेटवर्क मजबूत होगा, बल्कि यह भारत के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।