23 अगस्त 2023 भारत का एक ऐतिहासिक दिन बन चुका है और यह दिन इतिहास के पन्नो में दर्ज किया जा चुका है। ऐसा इसलिए क्योंकि, 23 अगस्त 2023 को ISRO द्वारा चंद्रायन 3 को शाम में 6 बजकर 4 मिनट पर चांद के सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करवाई गई है। जिसके बाद हीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरे भारत वासी खुशी से झूम उठे।
ऐसा हो भी क्यों न ISRO की इस उपलब्धि के कारण भारत विश्व का पहला देश बन चुका है जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाबी हासिल की है। इस बड़ी कामयाबी के बाद ISRO बहुत जल्द सूरज के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अपनी मिशन को स्टार्ट करने वाला है और इस मिशन का नाम आदित्य एल 1 रखा गया है।
हालांकि, ISRO के आदित्य एल 1 मिशन के बारे मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा ऐलान कर जानकारी दी गई थी। देखा जाए तो सूरज के रहस्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए यह भारत का प्रथम ऐसा मिशन होगा। हालांकि, आदित्य एल 1 मिशन को लॉन्च कब करने की तैयारी चल रही है इसके बारे में अभी पुष्टि नहीं कि गई है। लेकिन, अनुमान लगाया जा रहा है की इस मिशन को लॉन्च सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में किया जा सकता है।
भारत पहली बार सूरज पर करेगा रिसर्च?
देखा जाए तो भारत द्वारा पहली बार सूरज पर रिसर्च किया जाएगा। लेकिन, इससे पहले सूरज पर अन्य देश द्वारा 22 बार रिसर्च किया जा चुका है और उस देश में जर्मनी, यूरोपियन स्पेस, अमेरिका इत्यादि शामिल हैं।
चंद्रयान 3 के तीन सबसे बड़े सिक्वेंस?
जानकारी के मुताबिक चंद्रयान 3 मिशन के तीन सबसे बड़े सिक्वेंस है। इसमें से पहला सिक्वेंस धरती पर आधारित है और दूसरा सिक्वेंस चांद के रास्ते पर आधारित है और तीसरा सिक्वेंस चांद पर आधारित है। ये तीनों सिक्वेंस को पूर्ण करते हीं लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से दूर हो जाएगा और चांद के साथ पर लैंडर उतरने की प्रक्रिया करेगा। अगर ये सभी सिक्वेंस सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाता है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
निष्कर्ष :
मैं आज के इस लेख में ISRO के आगामी मिशन आदित्य एल 1 से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान किया हूं और बताया हूं की इसरो द्वारा सूरज पर यह पहला रिसर्च किया जाएगा। इसके अलावा अगर आपको इस लेख से संबंधित कुछ अन्य सवाल पूछना हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।