RBI Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को अगस्त की पॉलिसी की घोषणा कर दी है. और इसमें राहत की बात यह है कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया है. फिलहाल यह ब्याज दर 6.50 फीसदी पर स्थिर है. और इतना ही नहीं महंगाई जीडीपी का अनुमान और कई बैंकों को लेकर कई बड़े ऐलान भी किए गए हैं.
साथ ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। और महंगाई पर काबू पाने के लिए कई अहम फैसले भी लिए गए हैं. इसके साथ ही कंपनियों की बैलेंस शीट भी काफी ज्यादा मजबूत नजर आ रही है। लेकिन, जो घोषणाएं की गई हैं उनमें कई सकारात्मक और नकारात्मक बातें भी सामने आई हैं. आइए आपको बताते है की आखिर राज्यपाल ने क्या कहा.
पॉलिसी में ये रहा निगेटिव?
बता दे की भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने नीतिगत परिणाम बताते हुए कहा कि आरबीआई जल्द ही फ्लोटिंग रेट लोन के लिए रीसेट मैकेनिज्म लाएगा। यानी नए नियम बनेंगे.इसके साथ ही बैंकिंग प्रणाली में अधिक तरलता के लिए बैंकों को 12 अगस्त से 10 प्रतिशत अतिरिक्त नकद आरक्षित अनुपात (CRR) बनाए रखना भी होगा।
इसके साथ ही सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई पर असर भी पड़ेगा.और यह बाजार के लिए अच्छी खबर नहीं है.आपको बता दे की वित्त वर्ष 24 में सीपीआई 5.1% से बढ़कर 5.4% होने का अनुमान है और मानसून वितरण बहुत उतार-चढ़ाव वाला रहा है। और अगर अर्थव्यवस्था के लिहाज से देखा जाये तो यह अच्छी खबर नहीं है.
पॉलिसी से ये निकला पॉजिटिव?
बता दे की इंफ्रा डेट फंड एनबीएफसी के लिए नियमों की समीक्षा की जाएगी। और इन्फ्रा फंड के लिए प्रायोजकों की आवश्यकता नहीं है आपको यह भी बता दे की इंफ्रा डेट फंड विदेशी कर्ज के जरिए पैसा जुटाने में सक्षम होंगे। इंफ्रा फाइनेंसिंग फ्रेमवर्क में सुधार की उम्मीद भी की जा रही है. और इंफ्रा फाइनेंसिंग के लिए बड़ी खुशखबरी है। वही FY24 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा गया है। इससे अर्थव्यवस्था का पहिया पटरी पर आता दिख रहा है. लेकिन ये भी बहुत सकारात्मक खबर है.
दरअसल आपकी जानकारी के लिए बता दे की कृषि ऋण में वृद्धि से रिकवरी में सुधार की उम्मीद है। और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भारत अन्य देशों की तुलना में अधिक सक्षम नजर भी आ रहा है। इतना ही नहीं आर्थिक मजबूती के लिए यह बेहद जरूरी भी हो गया है. वहीं औद्योगिक गतिविधि बढ़ी है और बहुत अच्छी दिख रही है.इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. और कंपनियों की बैलेंस शीट काफी मजबूत दिख रही है।