FASTag : अगर आप भी अपनी कार पर FASTag का इस्तेमाल करते हैं तो आपको पता ही होगा कि फास्टेग को रिचार्ज करने के बाद आप जब तक इसके पैसों का इस्तेमाल नहीं करते तब तक पैसे फास्टैग में ही रहते हैं ।
हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में FASTag से जुड़ा हुआ एक मुद्दा उठा है , दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने फास्टैग और उसमें मौजूद न्यूनतम राशि पर ब्याज भुगतान करने की याचिका दर्ज की है और इसके लिए एनएचएआई (NHAI) और केंद्र से इसके लिए जवाब भी मांगा है , याचिका में यह भी कहा है कि फास्टैग में मौजूद न्यूनतम राशि पर भी बैंक को ब्याज देने के निर्देश दिए जाने चाहिए , मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और एनएचएआई (NHAI) ने दर्ज याचिका पर नोटिस जारी करके ऐलान किया है।
हाई कोर्ट में दर्ज याचिका को देखते हुए न्यायाधीश ने कहां की FASTag हजारों करोड़ों यात्रियों , विकास मंत्रालय ,परिवहन मंत्रालय को बिना सुविधा बैंकिंग सिस्टम में शामिल हो गया , अदालत ने जवाब के तौर पर 4 हफ्ते का समय दिया है , साथ ही साथ आवेदन में यह भी लिखा गया था कि बिना फास्टैग वाले वाहनों को टोल टैक्स का दुगना भुगतान करना होगा ।
ये भी पढ़े :-
- गाड़ी चलाने वाले ध्यान दे,आज ही करवा ले ये काम नहीं तो देना पड़ सकता है 10 हजार तक का चालान, जारी नए चालान की लिस्ट
- सरकार द्वारा सड़को पर गाड़ियो को जप्त कर सीधे भेजा जा रहा है Scrap Unit में, जानिए क्या है पूरा मामला
- Traffic Challan :अब से ट्रैफिक के नए नियम लागु ,हेलमेट लगा होने के बाद भी कटेगा 2000 का चालान, जल्दी देखे नए नियम
- अब गाड़ी को Modify करना पड़ सकता है भारी, गाड़ियों में ये 5 बदलाव करने पर कटेगा चालान, हो जाए सतर्क
30,000 से अधिक करोड़ रुपए बैंकिंग सिस्टम में हुए शामिल:-
रविंद्र त्यागी की ओर से पेश की गई याचिका में अधिवक्ता प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि फास्ट्रेग सर्विस शुरू होने के ठीक बाद बैंक में 30,000 करोड़ रूपये में बैंक में शामिल हुए हैं , वही याचिका में बताया गया कि अगर 8.2 प्रतिशत सलाना एफडी रेट दी जाती है तो एनएचएआई और राजमार्ग मंत्रालय को 2000 करोड़ रुपयों का अधिक फायदा होगा ।
याचिका में यह भी बताया गया कि वर्तमान में इस धन का उपयोग बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं में निशुल्क तौर पर किया जा रहा है , वही इस राशि का उपयोग ब्याज या फिर एनएचआई और सड़क परिवहन एवं राज्य मार्ग और यात्रियों के भले के लिए किया जाना चाहिए , याचिका में फास्टैग के ब्याज पर मिलने वाली राशि को प्रशासन की ओर से ,’यात्री कल्याण कोष’ के नाम से अलग कुछ तैयार करने की अपील पर निर्देश जारी करना चाहिए ।