जैसे की हम सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में अभी काफी गंभीर स्थितियां बनी हुई है क्योंकि गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का मामला काफी तेजी से आग पकड़ रहा है , शनिवार रात को किसी ने इन दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी।
अतीक और अशरफ अहमद पर मामला
वहीं इस मामले में तेजी से आग पकड़ते देख उत्तर प्रदेश की सरकार यानी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और साथ ही साथ तीन संसदीय जांच आयोग गठन के निर्देश जारी किए हैं ।
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में 144 धारा लागू कर दी गई है और उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से इंटरनेट कनेक्शन को बंद कर दिया गया है साथ ही साथ इस हत्याकांड मामले को देखते हुए विपक्ष ने सीधे तौर पर योगी आदित्यनाथ को निशाना बनाया है ।
उत्तर प्रदेश अधिकारी कर रहे हैं जांच
इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश अधिकारी इस हत्याकांड मामले की जांच में जुट गए और तुरंत ही उच्च अधिकारी डीजीपी आर के विश्वकर्मा, स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार अर्थात प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद विमान के द्वारा प्रयागराज के लिए रवाना हो गए , और देर रात प्रयागराज पहुंचे थे ।
इसके बाद विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने एक बयान जारी किया और बयान में उन्होंने यह बताया कि तुरंत ही इस मामले को लेकर प्रयागराज मैं बैठक की जाएगी और उन्होंने अपने बयान में यह भी बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा तीन संसदीय न्यायिक जांच गठन के आदेश जारी किए गए हैं और इसके बाद ही उत्तर प्रदेश में 144 धारा लागू कर दी गई है और इंटरनेट कनेक्शन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में 144 धारा
उत्तर प्रदेश में अतीक और अशरफ हत्याकांड के मामले को देखते हुए सरकार के द्वारा 144 धारा लागू की गई है और इस धारा को लगाने का सबसे मुख्य उद्देश्य लोगों को एकजुट होने से रोकना है , जिससे इस घड़ी में शांति बनी रहे ।
धारा 144 के तहत नियम
- धारा 144 के तहत 5 से अधिक लोग एकजुट होकर एक जगह पर जमा नहीं हो सकते हैं ।
- धारा 144 प्रभावित क्षेत्र में लगने पर जिला अधिकारी के द्वारा लोगों को नोटिफिकेशन भी दिया जाता है ।
- कई मामलों में धारा 144 लगने पर इंटरनेट कनेक्शन को पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है ।
- धारा प्रभावित क्षेत्र में हथियार ले जाने पर सख्त पाबंदी होती है ।
धारा 144 के उल्लंघन पर मिलेगी सजा
धारा 144 के उल्लंघन पर अगर व्यक्ति जूठ बनाकर इलाके में घूमते हुए नजर आते हैं तो उन्हें मामले में शामिल हें कारागार दिया जाता है , और अगर सजा का प्रावधान की बात की जाए तो 3 साल की जेल हो सकती है।
कर्फ्यू और धारा 144 में अंतर
अगर हम कर्फ्यू की बात करें तो कर्फ्यू के अंतर्गत लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है , अन्यथा कर्फ्यू कुछ निश्चित समय के लिए लगता है जिसमें परिवहन व्यवस्था कि सभी प्रकार की सुविधाओं पर सख्त पाबंदी लगा दी जाती है।
धारा 144 की बात की जाए तो इसमें लोगों को एकजुट होने पर पाबंदी जताई जाती है और आवश्यक मामलों में इंटरनेट को बंद किया जाता है अन्यथा साथ ही साथ हथियारों के लिए पाबंदी होती है ।
फैक मैसेज को फॉरवर्ड करके मामले को और ना भड़काए
अगर देखा जाए तो उत्तराखंड में हुए इस हत्याकांड का मामला काफी संवेदनशील है और लगातार लोग सोशल मीडिया पर इस दुर्घटना से जुड़े हुए कई फेक मैसेज फॉरवर्ड कर रहे हैं ।
परंतु खुद समझदार बने और फैक मैसेज को फॉरवर्ड करके इस मामले को और अधिक ना बढ़ाएं । इन सभी मामले को देखते हुए ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इंटरनेट कनेक्शन को पूरी तरह से बंद कर दिया है ।
अंत में हम आपको बता दें कि चाहे उत्तर प्रदेश हो या फिर आप किसी दूसरे राज्य से फैक मैसेज को फॉरवर्ड करना पर आप पर कार्यवाही भी की जा सकती है इसलिए अगर आपके पास किसी प्रकार का भी इस हत्याकांड से जुड़ा हुआ मैसेज आता है तो उससे दूर रहे और दूसरों को भी सलाह दें कि आप इस प्रकार के मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड ना करें ।