PM Pranam scheme :- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज सभी किसानों को एक बड़ी खुशखबरी दी है , आज केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए एक और योजना पर मंजूरी दे दी है , भारत देश के किसानों को अब प्रधानमंत्री किसान योजना , प्रधानमंत्री क्रेडिट योजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री प्रणाम योजना का भी लाभ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट पेश भाषण के दौरान प्रधानमंत्री प्रणाम योजना का जिक्र किया था , परंतु अब केंद्र मंत्रालय के द्वारा प्रधानमंत्री प्रणाम योजना को मंजूरी दे दी गई है, तो चलिए जानते हैं इस योजना संबंधित और अधिक जानकारी ।
क्या है प्रधानमंत्री प्रणाम योजना :-
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने तथा रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने के लिए प्रधानमंत्री प्रणाम योजना की शुरुआत की गई है वहीं सभी राज्यों को इस योजना के लिए प्रोत्साहित करने हेतु बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा प्रधानमंत्री प्रणाम योजना को मंजूरी प्रदान की गई है ।
उर्वरक मंत्री ने दी जानकारी :-
मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान उर्वरक मंत्री मनसुख मांडवीया ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री प्रणाम योजना केंद्र राज्यों को प्रोत्साहित करती है कि सभी किसानों को यह प्रोत्साहन दिया जाए कि खेतों में रसायनिक खादों का उपयोग पूरी तरह से बंद करके जैविक उर्वरक इस्तेमाल किए जाएं ।
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प्रधानमंत्री प्रणाम योजना का उद्देश्य :-
जानकारी के लिए आप सभी को बता दें कि 1 फरवरी को पेश किए गए बजट वर्ष 2023- 24 में धरती की पुनर्स्थापना के लिए जागरूकता एवं सृजन में सुधार के लिए पीएम प्रणाम योजना को शुरू करने की पहल की गई थी , प्रधानमंत्री प्रणाम योजना की शुरुआत को लेकर आपको कई उद्देश्य देखने को मिलेंगे :-
- प्रधानमंत्री प्रणाम योजना मुख्य रूप से फर्टिलाइजर सब्सिडी को कम करने मैं बड़ा योगदान देगा ।
- प्रधानमंत्री प्रणाम योजना के तहत फर्टिलाइजर का उपयोग को कम कर के खेतों में जैविक उर्वरक का इस्तेमाल में बढ़ोतरी को प्रोत्साहन मिलेगी ।
- जैविक उर्वरक के इस्तेमाल से भूमि की गुणवत्ता के बढ़ने से लोगों को अच्छी फसलें देखने को मिलेंगी और लोगों के लाइफस्टाइल में भी बदलाव होगा साथ ही साथ सरकार पर खर्च भी कम पड़ेगा ।
सरकार करेगी 3000 करोड़ खर्च :-
उर्वरक मंत्री मनसुख मांडवीया ने उदाहरण देते हुए कहा कि 1000000 टन परंपरागत उर्वरक का उपयोग करने वाला राज्य अगर इसकी खपत में 300000 की कमी लाता है तो 3000 करोड़ सब्सिडी की बचत होगी, वही इस बची हुई सब्सिडी का 50% यानी कि 1500 हजार करोड़ उस राज्य को वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग और अन्य कार्यों को विकसित करने के लिए दिए जाएंगे ।
नैनो यूरिया और सल्फर कोटेड यूरिया के इस्तेमाल पर दिया जा रहा है अधिक जोर :-
सरकार प्रधानमंत्री प्रणाम योजना के जरिए नैनो यूरिया और सल्फेट कोटेड यूरिया के इस्तेमाल पर जोर देने का संपूर्ण प्रयास कर रही है , साथ ही साथ किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य से जारी खेती करके उत्पन्न प्रोडक्ट्स पर मार्केटिंग पर भी अधिक जोर दिया जा रहा है , इस प्रकार किसान जैविक खेती करने के लिए अधिक प्रेरित होंगे ।
वर्तमान में भारत में उपयोग हो रहे उर्वरकों की स्थिति :-
वर्तमान में भारत में उर्वरकों के इस्तेमाल की बात करें तो वर्ष 2020-21 में सरकार की ओर से सब्सिडी का कुल खर्च 1. 63 लाख करोड़ था , जबकि वर्ष 2022 में 2.25 लाख करोड़ अधिक सब्सिडी पर खर्च आया था । वहीं वर्ष 2021 में चार रासायनिक पदार्थ जैसे यूरिया ,DAP, NPKS, MOP, काफी बड़े स्तर पर इसका इस्तेमाल किया गया था ।