Open Book Exam: आज की खबर हमारे देश के बच्चों और साथ ही साथ उनके माता-पिता के लिए भी है जैसे कि हम सभी जानते हैं कि “परीक्षा” जिसका नाम सुनकर ही बच्चों के मन में डर पैदा हो जाता है , और यह डर बच्चों के मन में इसलिए होता है क्योंकि परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आए तो माता-पिता गुस्सा करेंगे और इस डर के कारण बच्चे जी-जान से मेहनत करके परीक्षा देते हैं ।
अगर हम भी अपने बचपन की बात करें तो हमने भी परीक्षा में डरते हुए सारी किताबें को रटा और अपने परीक्षा में अच्छे भले नंबरों के साथ पास होने की कोशिश की है ,परंतु अगर हम बोले कि वर्तमान में आने वाले समय में बच्चों के लिए एग्जाम एक खेल की तरह हो जाएगा क्योंकि CBSE ने ऐसा स्टडी प्रोजेक्ट लॉन्च किया है जिससे बच्चे किताब को खोलकर परीक्षा में बैठकर अपना एग्जाम पेपर को सॉल्व करेंगे और इस प्रोजेक्ट का नाम Open book exam रखा गया है ।
9 वीं से 12वीं के छात्रों के लिए एग्जाम बना खेल :-
CBSE ने 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए Open book exam के प्लान का प्रस्ताव रखा है , सीबीएसई का यह आइडिया कोई नया आईडिया नहीं है CBSE ने 2017-18 में छात्रों के बीच ‘आलोचनात्मक क्षमताओं’ को विकसित करने में असमर्थता के कारण इसे बंद कर दिया था परंतु एक बार फिर से इस इस प्लान पर बातचीत शुरू हो गई है और आने वाले समय में बच्चों के लिए एग्जाम खेल बन जाएगा और बच्चे मौज मस्ती के साथ अपनी किताबों को खोलकर अपना एग्जाम पेपर सॉल्व करेंगे ।
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CBSE Open Book Exam Plan:-
CBSE का कहना है कि ओपन बुक एग्जाम नवंबर से दिसंबर चुनिंदा स्कूलों में लिए जाएंगे , सीबीएसई के ओपन बुक एग्जाम प्लान के तहत 9वीं से 10वीं के छात्रों के लिए ओपन बुक परीक्षा गणित, अंग्रेजी ,विज्ञान जैसी परीक्षाओं के लिए होगी । इसके साथ ही साथ 11वीं से 12वीं के छात्रों के लिए ओपन बुक परीक्षा अंग्रेजी, गणित और बायोलॉजी के लिए होगी । OBE के तहत छात्र परीक्षा के समय उत्तर देने के लिए अपने नोटस और किताबों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या OBE के चलते बच्चों का भविष्य खतरे में ?
जैसे ही बच्चों के लिए ओपन बुक एग्जाम नियम आया है सभी के मन में यह प्रश्न आ रहा होगा काश हमारे समय पर ओपन बुक एग्जाम नियम होता परंतु अगर देखा जाए तो ओपन बुक एग्जाम नियम एक तरह से हमारे देश के भविष्य के लिए बेहतर नहीं है , जैसे कि हम सभी जानते हैं कि हमारे देश का भविष्य हमारे देश के युवाओं यानी कि बच्चों पर ही निर्भर है अगर बच्चे पढ़ लिखकर परीक्षा नहीं देंगे तो देश का भविष्य क्या ही होगा ,फिर भी सीबीएसई की ओर से बताया गया है कि ओपन बुक एग्जाम में प्रश्न आसान नहीं होते हैं , इसमें छात्रों को तय सिद्धांतों को लागू करने की जगह पर एनालिटिकल एबिलिटी के आधार पर जवाब देना होता है।