Mutual Fund Fresh KYC: म्युचुअल फंड में निवेश करने वाले लोग इस बात से अवगत होंगे की हाल ही में म्युचुअल फंड में निवेशकर्ता को अकाउंट ब्लॉक का खतरा उनके सर पर अधिक मंडरा रहा है , परंतु अब म्युचुअल फंड निवेश कर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर आ रही है कि अकाउंट ब्लॉक का खतरा कुछ हद तक टल गया है।
Fresh KYC Deadline :-
दरअसल म्युचुअल फंड के निवेशकों को फ्रेश केवाईसी करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं , अगर आसान भाषा में आपको बताएं तो म्युचुअल फंड के सभी निवेशकों को नये सिरे से केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करना होगा , वही सभी म्युचुअल फंड के निवेश कर्ताओं को Fresh KYC करवाने के लिए 31 मार्च 2024 की डेडलाइन सुनिश्चित की गई है वहीं पहले कहा गया था की डेडलाइन तक केवाईसी की प्रक्रिया पूरा न करने पर निवेश करता के अकाउंट को ब्लॉक कर दिया जाएगा परंतु अब इससे कुछ हद तक राहत मिली है।
Block नहीं hold किया जाएगा अकाउंट :-
सीडीएसएल वेंचर्स के कम्युनिकेशन के अनुसार फ्रेश केवाईसी करवाने की डेडलाइन 31 मार्च 2024 सुनिश्चित की गई है और इसके साथ ही साथ डेडलाइन से पहले केवाईसी की प्रक्रिया पूरी न होने पर म्युचुअल फंड के निवेश कर्ताओं के अकाउंट को होल्ड पर कर दिया जाएगा , जैसे ही निवेश करता केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करेंगे उनका अकाउंट Hold से हट जाएगा ।
Deadline के बाद भी करें ट्रांजैक्शन :-
केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसी सीडीएसएल वेंचर्स का कहना है कि डेडलाइन की एंडिंग से पहले 28 मार्च को सभी म्युचुअल फंड के डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ एक नया अपडेट को साझा किया गया है, और इस नए अपडेट में बताया गया है कि म्युचुअल फंड में ट्रांजैक्शन करने के लिए फ्रेश केवाईसी की डेडलाइन 31 मार्च कोई बाध्य नहीं डालेगी , वहीं अगर आसान भाषा में आपको बताएं तो अगर कोई भी म्युचुअल फंड का निवेदक डेडलाइन तक प्रेस केवाईसी नहीं करवाता है तो भी वह म्युचुअल फंड के ट्रांजैक्शन पोलियो का इस्तेमाल कर सकता है ।
SIP-SWUP नहीं दिखेगा असर :-
म्युचुअल फंड के सभी निवेश कर्ताओं को इस बात का दर काफी अधिक सता रहा था कि 31 मार्च डेडलाइन तक अगर केवाईसी की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो उनका अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा , वही अकाउंट ब्लॉक होने का मतलब है कि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और सिस्टेमेटिक विड्रॉल प्लान (SWUP) भी पूरी तरह से ब्लॉक हो जाएगा , हालांकि अब ऐसा नहीं होगा , और म्युचुअल फंड के निवेश कर्ताओं के लिए यह काफी राहत भरी खबर है ।